मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल टांडा में बरसात शुरू होने से पहले हो रही बारिशों ने अस्पताल व्यवस्था की पोल खोल दी है। रविवार दोपहर से शुरू हुए तेज बारिश के चलते अस्पताल के कई विभागों में पानी ने तालाब का रूप धारण कर लिया। पूरे अस्पताल में हर जगह पानी था, जिससे कहीं न कहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही व अनदेखी के कारण मरीजों व तीमारदारों सहित डाक्टरों व अन्य स्टाफ को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अस्पताल के आपातकालीन विभाग, जहां ओपीडी पर्ची काटी जाती है, औषधालय व रेडियोलॉजी विभाग में भी पानी भर गया। जगह-जगह पानी के भर जाने से यहां उपचाराधीन रोगियों तथा तीमारदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं रेडियोलॉजी विभाग में लगाई गई करोड़ों रुपए की मशीनों में बिजली के शॉर्ट सर्किंट होने की संभावना जताई जा रही है, वहां पर स्थापित की गई मशीनें भी खराब हो सकती हैं।
टांडा मेडिकल काॅलेज जैसे सरकारी संस्थानों में बारिश के पानी के लिए निकासी नहीं है। बता दें कि बरसात से पहले प्रशासन नालियों की सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के बड़े-बड़े दावे तो करता है पर धरातल पर सारे दावे हवा-हवाई हो जाते हैं। बरसात का मौसम सिर पर है, लेकिन टांडा मैडीकल कालेज में बंद पड़ी नालियों को अभी तक साफ नहीं किया गया है, जिस वजह से बारिश का सारा पानी अस्पताल के अंदर चला गया।
उधर, अस्पताल में उपचाराधीन महिला के पति रणधीर सिंह व राकेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में पानी की सही निकासी न होने के कारण बरसात का पानी अस्पताल में आ जाता है तथा अस्पताल में पानी तालाब का रूप धारण कर लेता है। इससे उन्हें इधर से उधर अपने रोगी के उपचार के लिए जाने के लिए समस्या उठानी पड़ रही है। इस संदर्भ में टांडा अस्पताल के एमएस डाॅ. मोहन सिंह ने बताया कि बारिश ज्यादा हुई है इस वजह से पानी अस्पताल के अंदर आ गया। उन्होंने बताया कि मौसम साफ होते ही कर्मचारियों की मदद से बंद पड़ी नालियों को साफ करवाया जाएगा।