पंचायत प्रतिनिधियों को अब पांच साल में एक बार पंचायत के खर्च पर देश में कहीं भी एक्सपोजर विजिट की अनुमति मिलेगी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधि इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, बशर्ते उनकी संस्था की आय का 10% से अधिक या 15 लाख रुपये से ज्यादा खर्च न हो। कार्यकाल के अंतिम चार साल में ये दौरे नहीं किए जा सकेंगे। हवाई मार्ग से यात्रा की योजना होने पर सरकारी अनुमति अनिवार्य होगी। 31 अक्तूबर 2019 के दिशा-निर्देशों में बदलाव करते हुए नए प्रावधान जोड़े गए हैं। अब केवल वही संस्थाएं यह सुविधा दे पाएंगी, जिनकी आय पर्याप्त होगी। पंचायती राज संस्थाओं को इसके लिए वार्षिक बजट में भी मंजूरी लेनी होगी। सभी यात्राओं के लिए प्रशासनिक सचिव की अनुमति अनिवार्य होगी, और हवाई यात्रा के लिए भी सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
संयुक्त सचिव पंचायती राज, नीरज चांदला ने बताया कि अच्छी आय वाली पंचायती राज संस्थाएं नियमानुसार देश के अन्य राज्यों के भी दौरे कर सकेंगी।