कसौली में शुक्रवार को खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के दौरान अपनी किताब 1965 पर चर्चा करते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) इयान कार्डोजो ने कहा कि 1947 में आजादी के समय जनरल रॉवर्ड हार्ट ने कहा था कि भारत को थल, वायु और जल सेना की नहीं, बल्कि पुलिस बल की आवश्यकता है। लेकिन पंडित नेहरू ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि भारत का कोई दुश्मन नहीं है और चीन व पाकिस्तान हमारे मित्र हैं।
मेजर जनरल कार्डोजो, जो 1971 के युद्ध के हीरो हैं, ने बताया कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल और सेना अधिकारियों ने नेहरू को आगाह किया था कि चीन भारत का दुश्मन है, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। 1962 में चीन के साथ युद्ध होने पर भी नेहरू ने दुश्मनी की बात मानने से इनकार कर दिया, जिसके कारण कई सैनिकों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि 1965 में कैप्टन वकनूरू ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान युद्ध की तैयारी कर रहा है, लेकिन नेहरू ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया, जिससे फिर युद्ध हुआ। उन्होंने सुझाव दिया कि नेताओं को लोगों की बात सुनकर उनके हित में निर्णय लेना चाहिए और सेना को स्वतंत्र रूप से काम करने की शक्ति देनी चाहिए।
मनीष तिवारी बोले, अमेरिका इस्राइल को खुली छूट दे रहा है
सोलन: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी ने लिटफेस्ट में अमेरिका की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के कारण वह इस्राइल का विरोध नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 में इस्राइल पर हुए आतंकी हमले की भर्त्सना की जानी चाहिए, लेकिन उसके बाद से इस्राइल के कड़े जवाब को भी सही नहीं ठहराया जा सकता। तिवारी ने कहा कि भारत ने दो युद्धों के बाद अच्छे से स्थिति संभाली थी, लेकिन अब तीसरे बड़े बदलाव के लिए हमें तैयार रहना होगा, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध की ओर इशारा कर रहे हैं।
अग्निवीर योजना पर भी उठाए सवाल
मेजर जनरल कार्डोजो ने अग्निवीर योजना को केंद्र सरकार का गलत फैसला बताया। उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ मौजूदा हालात को देखते हुए केवल चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती करना उचित नहीं है, क्योंकि इतने कम समय में वे लड़ाई के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं हो पाएंगे। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
कार्डोजो ने 1965 के युद्ध के दौरान का एक किस्सा साझा करते हुए बताया कि जब वह अपने कमांडर के साथ हेलिकॉप्टर से एलओसी की निगरानी कर रहे थे, तो उन्होंने पाकिस्तानी बंकर देखा, जिसे उड़ाने के आदेश दिए गए। बंकर में पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, लेकिन बाद में सरकार ने इस पर जवाब-तलब कर दिया था।
मुशर्रफ को आर्मी चीफ बनाने पर चेतावनी को किया था अनदेखा
भाषाविद् प्रोबल दासगुप्ता ने पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ के सेनाध्यक्ष बनने का किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि मुशर्रफ के बैचमेट और वायुसेना प्रमुख परवेज मेहदी कुरैशी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सुझाव दिया था कि मुशर्रफ को आर्मी चीफ न बनाया जाए। लेकिन इस चेतावनी को अनदेखा कर दिया गया, जिसके बाद मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को हटाकर खुद सत्ता संभाल ली।
उद्घाटन सत्र में खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह और लेखिका बच्ची करकरिया ने देश-विदेश से आए मेहमानों का स्वागत किया। तीन दिवसीय इस लिटफेस्ट में 25 सत्रों में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।