धर्मशाला के एक निजी स्कूल के दो नौवीं कक्षा के छात्रों ने बेकार पड़े सामान और 2500 रुपये की लागत से एक ड्रोन तैयार किया है। इस ड्रोन का बेस बेकार पड़ी प्लाई बोर्ड से बनाया गया है। छात्रों को चंडीगढ़ में एक ड्रोन शो देखकर इसे बनाने की प्रेरणा मिली, जिसके बाद उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल के साथ इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की।
सुधेड़ के हाईलैंड पब्लिक स्कूल के छात्र अक्षित रतन और विनायक शर्मा ने बेकार सामग्री का उपयोग करके यह हवा में उड़ने वाला ड्रोन तैयार किया है। इस ड्रोन को बनाने में उन्होंने छह प्रकार की चीजों का इस्तेमाल किया, जिनमें अधिकांश सामान स्कूल में ही उपलब्ध था।
ड्रोन बनाने के लिए छात्रों ने एसएमडी बोर्ड, वुडन बेस, चार प्रोपेलर, एलआई-पीओ बैटरी, चार्जिंग पोर्ट और एफपीवी कैमरा का इस्तेमाल किया। छात्रों ने बताया कि चंडीगढ़ में ड्रोन शो देखने के बाद उनके मन में खुद का ड्रोन बनाने का विचार आया। उन्होंने यह विचार स्कूल की प्रिंसिपल नीलप्रीत राय के साथ साझा किया, जिन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया। ड्रोन के निर्माण में स्कूल के कंप्यूटर शिक्षक अभय ने भी मार्गदर्शन किया।
ड्रोन बनाने के लिए अधिकांश सामग्री स्कूल में ही मिली, जबकि कुछ सामान उन्होंने ऑनलाइन ऑर्डर किया। ड्रोन में लगी एलईडी लाइट और बैटरी को छात्रों ने एक पुरानी टॉय कार से निकाला। बेस बनाने के लिए प्लाई बोर्ड के टुकड़ों का उपयोग किया गया। छात्रों ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य इससे बड़ा ड्रोन बनाना है, जिसे वे नवंबर तक तैयार करने की योजना बना रहे हैं।