संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने पर मुख्यमंत्री और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया बयान………..

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राजधानी शिमला के संजौली में स्थित मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराने के लिए वक्फ बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद मस्जिद कमेटी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “मस्जिद के लोग खुद आगे आकर कह रहे हैं कि यदि कुछ अवैध है, तो वे उसे गिरा देंगे। हमारे मुस्लिम भाई, मस्जिद के प्रमुख और इमाम इस फैसले के साथ हैं, क्योंकि यह अवैध निर्माण है।”

विक्रमादित्य सिंह ने की सौहार्द बनाए रखने की अपील

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मस्जिद कमेटी की पहल का स्वागत करते हुए कहा, “उन्होंने स्वेच्छा से अवैध निर्माण गिराने का निर्णय लिया है, जो सराहनीय है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि आपसी भाईचारा बनाए रखें और ऐसी कोई स्थिति न बनने दें जिससे सामाजिक सौहार्द प्रभावित हो। हमें प्रदेश को प्रगति की राह पर ले जाना है और सभी के हितों की रक्षा करनी है।”

मस्जिद कमेटी की चुनौती

मस्जिद समिति के अध्यक्ष लकी मोहम्मद लतीफ नेगी ने बताया कि वक्फ बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद विध्वंस का काम छत से शुरू किया जाएगा, लेकिन सर्दियों और धन की कमी के कारण इसे पूरा होने में पांच महीने तक लग सकते हैं। नेगी ने कहा, “लोग मस्जिद बनाने के लिए दान देते हैं, लेकिन इसे गिराने के लिए कोई सहायता नहीं मिल रही है।”

कोर्ट के आदेश और आगे की योजना

नगर निगम कोर्ट ने 5 अक्टूबर को तीन अवैध मंजिलें गिराने का आदेश दिया था, जबकि मस्जिद कमेटी ने दो मंजिलों को स्वयं गिराने का प्रस्ताव रखा ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। मस्जिद समिति ने इस विध्वंस के बारे में पुलिस अधीक्षक और नगर निगम आयुक्त को भी सूचित कर दिया है।

संगठन और समुदाय का रुख

हिमाचल मुस्लिम संगठन ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही है। इस पर नेगी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है, लेकिन कमेटी का उद्देश्य सामाजिक सौहार्द बनाए रखना है। नेगी ने कहा कि शिमला के 99 प्रतिशत मुस्लिम और हिंदू समुदाय के लोग उनके साथ हैं ताकि प्रदेश में भाईचारा और शांति बनी रहे।

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